Dholpur Jat Royal Family

धौलपुर की जाट रॉयल फैमिली का मूल पुरुष एक जेठ सिंह था जो दिल्ली के तोमर राजपूत शासकों का चाकर हुआ करता था। तुर्कों के दिल्ली हथियाने के बाद ये परिवार बमरौली में शिफ्ट हो गया जहां के नाम से ये लोग बमरौलिया जाट कहलाए। दिल्ली सल्तनत के अत्याचारों से तंग आकर ये जाट भागकर ग्वालियर चले गए और वहा के राजपूत राजाओं के यहां शरण ली। राजपूतों के संरक्षण में ये बिरादरी फली फूली और धीरे धीरे मज़बूत होती चली गई।

क्या राजपूत राजा मान सिंह ने खुश होकर दी थी राणा की उपाधि

ग्वालियर के प्रसिद्ध राजपूत राजा मानसिंह तोमर ने सिंघन देव बमरौलिया की सेवा और लगन से खुश होकर उसे राणा की उपाधि और गोहद का पट्टा जागीर में दे दिया। इस तरह पहले तंवर राजपूतों और बाद में मुगलों के यहां नौकरी कर के ये वंश चंबल के इलाके में अपनी एक अलग पहचान बनाने में कामयाब रहा।

पिक्चर: शेरगढ़ का किला , धौलपुर ।

dholpur  Fort
dholpur Fort

अठाहरवी सदी का समय भारत की राजनीति में एक उथल पुथल का दौर था जिसका फायदा इस नवोदय परिवार ने भी उठाया। 1761 में मराठों की पानीपत में हार के बाद गोहद के जाटों ने ग्वालियर पर कब्ज़ा कर लिया लेकिन महज़ कुछ साल बाद ही दौलत राव सिंधिया ने ये महत्त्वपूर्ण किला इनसे छीन लिया और कुछ समय पश्चात गोहद भी हथिया लिया।

सिंधिया के आतंक से परेशान गोहद के राणा ने अंग्रेज़ो से संधि कर ली और कंपनी ने इन्हे वफादारी के रूप में धौलपुर, बाड़ी और राजाखेड़ा के परगने दे दिए जो बाद में जाकर धौलपुर रियासत में तब्दील हो गई।

Dholpur Royal Faimliy
Dholpur Royal Faimliy

जाटों की एक और महत्वपूर्ण रियासत भरतपुर की स्थापना में कच्छवाहा राजपूतों का योगदान रहा। भरतपुर के पहले सरदार बदन सिंह ने सवाई जय सिंह की मदद से इस राज्य की नीव रखी। बाद में सवाई जयसिंह ने बदन सिंह को बृजराज की उपाधि से नवाजा। कृतज्ञ बदन सिंह हर साल दशहरे के दिन जयपुर धोक लगाने आते थे । इसी तरह बदन सिंह के उत्तराधिकारी और जाटों के सबसे बड़े राजा सूरजमल भी जयपुर राज के एक विश्वस्त सामंत थे।

dholpur refrence

गौरतलब है कि सूरजमल को राजा का खिताब मुगल बादशाह ने दिया था।

इस तरह कहा जा सकता है की जाटों के दोनो राज्य राजपूतों की कृपा से ही अस्तित्व में आए।

FAQ

धौलपुर की स्थापना किसने की?

धौलपुर की स्थापना 11वीं शताब्दी में धवल देव ने की थी। वह एक जाट सरदार थे जिन्होंने इस क्षेत्र पर विजय प्राप्त की और धौलपुर जाट राजवंश की स्थापना की।

धौलपुर राजवंश पर किसने शासन किया?

धौलपुर जाट राजवंश पर महाराज राणाओं की एक श्रृंखला का शासन था, जो राज्य के वंशानुगत शासक थे। धौलपुर के सबसे प्रसिद्ध महाराज राणा उदय भान सिंह थे, जो मुगल सेना में एक सेनापति और सम्राट अकबर के करीबी सलाहकार थे।

शाही धौलपुर जाट राजपरिवार की वर्तमान स्थिति क्या है?

धौलपुर जाट शाही परिवार अब धौलपुर का शासक राजवंश नहीं है, लेकिन उन्होंने अभी भी इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण मात्रा में सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव बरकरार रखा है। परिवार के वर्तमान मुखिया कुँवर विक्रम राणा हैं, जो महाराज निहाल सिंह के परपोते हैं।

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