डूंगरपुर महाराजा लक्ष्मणसिंह जी

Lakshman Singh Dungarpur- महारावल लक्ष्मणसिंह जी डूंगरपुर

डूंगरपुर राजघराने का सम्बंध राजनीतिक स्तर पर बहुत मजबूत रहा है ।डूंगरपुर राजघराना गुहिलोत (आहड़ा गुहिलोत) क्षत्रिय वंश में है इन्ही आगे बप्पा रावल ओर राणा सांगा हुए ।यहाँ महारावल लक्ष्मण सिंह दो बार विधायक और एक बार सांसद रहे है ।।
1962 में इनोने य चुनाव आसपुर विधानसभा से लड़ा था और स्वतंत्र पार्टी के विधायक के रूप में 6 हजार ज्यादा वोटो से जीत दर्ज की ।।इसके बाद डूंगरपुर विधानसभा से दो बार MLA रहे । महारावल लक्ष्मणसिंह जी डूंगरपुर के बाद राजपरिवार ने कोई चुनाव नही लड़ा ।
राजपरिवार के सदस्य रहे राज सिंह जी डूंगरपुर उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली ओर प्रचार किया ।।इनके बाद हर्षवर्धन सिंह bjp से राज्यसभा सांसद रहे है

डूंगरपुर महाराजा लक्ष्मणसिंह जी

डूंगरपुर महाराजा लक्ष्मणसिंह जी को राजस्थान के मुख्यमंत्री बनने से कैसे रोका गया?

1967ई. के राजस्थान विधानसभा के चुनाव
इस चुनाव में राजपूत वर्ग कॉंग्रेस के साथ नही रहकर स्वतंत्र पार्टी व जनसंघ के साथ था।
सौभाग्य से उस समय राजस्थान की विधानसभा में 184 सीट में से काँग्रेस को 89 सीट ही मिली जबकि बहुमत के लिए 93 सीट चाहिए थी। ऐसी स्थिति में स्वतंत्र पार्टी के प्रमुख नेता डूंगरपुर महाराजा लक्ष्मणसिंह जी डूंगरपुर जी को जनसंघ ने समर्थन दे दिया जिससे जिससे लक्ष्मण सिंह जी को 95 सीट प्राप्त हो गई थी फिर जब वे राज्यपाल सम्पूर्णानन्द मिले और समर्थन का पत्र सौंपा कि हमने बहुमत का आंकड़ा पार कर दिया हैं तब मूलतः कांग्रेसी राज्यपाल ने तत्कालीन pm इंद्रा गांधी के कहने पर लक्ष्मण सिंह जी को cm ना बनाकर राजस्थान में राष्ट्रपति शासन लगा दिया , यह राजस्थान के इतिहास में लोकतंत्र की सबसे बडी हत्या थी।
जानना जरूरी हैं ,



चले लक्ष्मणसिंह जी डूंगरपुर कुछ महत्वपूर्ण बातो पर भी आपका ध्यान आकर्षित कर दु

लक्ष्मणसिंह जी डूंगरपुर – जब राजस्थान का एकीकरण हुआ तब आप राजनीति में आए थे , उससे पूर्व आप एक क्रिकेटर थे , आपने प्रथम विधानसभा चुनाव से ही विधायक रहे थे , कालांतर में आप राजस्थान की विधानसभा के अध्यक्ष भी बने थे।
आपके भाई राजशेखर सिंह जी डूंगरपुर कालांतर में BCCI के चेयरमैन बने थे , सचिन तेंदुलकर व अजिहरुद्दीन को आगे बढ़ाने में आपका मुख्य योगदान रहा था इसलिए सचिन के हस्तक्षेप से सचिन के होम स्टेडियम(वानखेड़े स्टेडियम) में आज भी एक छोर का नाम आपके नाम पर रखा हुआ है , 2-3 वर्ष पूर्व आई अजिहरुद्दीन की बायोग्राफी फ़िल्म “अजहर”(बॉलीवुड फिल्म) में भी आपका जिक्र है , जब हम फ़िल्म देखते है तब अजहरुद्दीन नेट प्रेक्टिस करते है तभी उनके पास एक व्यक्ति आता है एवं अजिहरुद्दीन से कहता हैं – “अजहर कप्तान बनोगे” वो व्यक्ति राजशेखरसिंहजी डूंगरपुर है। , राजशेखर सिंह जी ने शादी क्यो नही की? ,लता मंगेशकर आज भी अविवाहित क्यो है? , आपको याद होगा जब सचिन को भारत रत्न प्राप्त हुआ तब लता मंगेशकर ने सचिन को बेटा कहकर पुकारा था।
लक्ष्मणसिंह जी के एक अन्य भाई नागेन्द्र सिंह uno के अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में 2 बार जज बने थे जिसमें से एक बार तो इनको अंतराष्ट्रीय न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश भी बनाया गया था।
वर्तमान में भी हर्षवर्द्धन सिंह जी डूंगरपुर राजस्थान में राज्यसभा सांसद हैं व एक अन्य आपके वंशज बॉलीवुड में अच्छे पद पर हैं।
ऐसे कुशल , दूरदर्शी व्यक्ति को राजस्थान का cm बनने से रोकने का एक ही कारण था वो था- इनका राजपूत होना।
कांग्रेस नही चाहती थी कि अपनी या अन्य पार्टी में कोई राजपूत आए।

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